हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरआन के तिलावत से हुई। तिलावत के बाद मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन की क़ुम शाखा के प्रमुख मौलाना ज़ीशान अलहसनी ने संक्षिप्त संबोधन में ज्ञान के महत्व प्रचारकों के कर्तव्यों और मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हुज्जतुल इस्लाम ज़ारए ने इमाम ख़ुमैनी (रह॰) की जनसेवा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और इस्लामी क्रांति के आशीर्वाद व प्रभावों को रेखांकित किया।
इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में तालिबे इल्म ने भाग लिया। यह कार्यशाला लगातार छह दिनों तक जारी रहेगी।
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